
Divya Deshmukh बनीं Chess World Cup 2025 की चैंपियन-
भारत की युवा ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने FIDE Women’s Chess World Cup 2025 जीतकर एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। मात्र 19 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर दिव्या भारत की पहली महिला बनीं जिन्होंने यह विश्व खिताब जीता है।
फाइनल में Koneru Humpy को हराया-
चेस की दुनिया में भारत की एक और बेटी ने परचम लहराया है। जॉर्जिया के बाटुमी में आयोजित FIDE Women’s World Cup 2025 के फाइनल मुकाबले में दिव्या देशमुख ने भारत की ही सीनियर ग्रैंडमास्टर कोनेरु हम्पी को हराया। दोनों के बीच मुकाबला इतना कड़ा था कि तीन मुकाबले ड्रॉ हुए, और आखिरी गेम में दिव्या ने टाईब्रेक के दौरान जीत दर्ज की।
इस निर्णायक जीत के साथ ही दिव्या ने न सिर्फ खिताब जीता, बल्कि उन्होंने भारत के लिए एक नई शुरुआत की मिसाल पेश की।
Grandmaster बनने का सफर भी हुआ पूरा-
इस जीत के साथ ही दिव्या देशमुख को ग्रैंडमास्टर (GM) का खिताब भी मिला है। वह अब भारत की कुल चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बन गई हैं और कुल मिलाकर देश की 88वीं ग्रैंडमास्टर। यह उपलब्धि उन्हें सीधे FIDE की आधिकारिक रैंकिंग प्रक्रिया के तहत मिली है।
पुरस्कार राशि और भविष्य की तैयारी-
FIDE Women’s World Cup जीतने के लिए दिव्या को लगभग $50,000 (₹41 लाख से अधिक) की पुरस्कार राशि मिली है। इसके साथ ही वह अब 2026 के Women’s Candidates Tournament में सीधे प्रवेश करेंगी, जहाँ से वह महिला वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की दावेदार बन सकती हैं।
कौन हैं दिव्या देशमुख?
दिव्या का जन्म नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ और उन्होंने बहुत ही कम उम्र में चेस खेलना शुरू किया था। उनके कोच और माता-पिता ने बताया कि दिव्या का पहला टूर्नामेंट मात्र 6 साल की उम्र में हुआ था। वह अपनी पढ़ाई और चेस को साथ लेकर चलने वाली दुर्लभ खिलाड़ियों में से एक हैं।
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सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़-
दिव्या की इस ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा, और विश्वनाथन आनंद जैसे दिग्गजों ने उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी। आनंद महिंद्रा ने लिखा, “This is not just a win in chess. It is a move that inspires every Indian girl to dream bigger.”
भारत की नई ‘चेस क्वीन’-
इस जीत के बाद दिव्या देशमुख को अब भारत की ‘नई चेस क्वीन’ कहा जा रहा है। उनके आत्मविश्वास, आक्रामक खेल शैली और रणनीतिक सूझबूझ ने साबित कर दिया कि भारत का युवा टैलेंट अब केवल भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान भी है।
आगे क्या?
अब दिव्या देशमुख की निगाहें 2026 में होने वाले Women’s Candidates Tournament पर हैं। अगर वह उसे जीत लेती हैं, तो वह सीधे Women’s World Chess Championship के लिए क्वालिफाई करेंगी — जो भारत के लिए एक और बड़ा सपना होगा।
निष्कर्ष-
Divya Deshmukh की यह जीत सिर्फ एक टूर्नामेंट का खिताब नहीं है, बल्कि यह भारत की बेटियों के लिए एक प्रेरणादायक कहानी है। Chess World Cup 2025 में चैंपियन बनकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि भारतीय महिलाएं किसी भी वैश्विक मंच पर विजय हासिल कर सकती हैं।