
बाढ़ और भूस्खलन से कांपा हिमाचल, बादल फटने से कई मौतें
राज्य के पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर प्रकृति का कहर देखने को मिला जब बुधवार देर रात बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। इन हादसों में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। (Flash Floods in Himachal Pradesh)
भीषण बाढ़ और तबाही-
बादल फटने के कारण कई नालों और नदियों में जलस्तर अचानक बढ़ गया जिससे कई गांवों में बाढ़ आ गई। दर्जनों मकान ढह गए, कई वाहन बह गए और खेतों में खड़ी फसलें नष्ट हो गईं। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सुंदरनगर, गोहर और कुल्लू घाटी में देखा गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार रात करीब 2 बजे तेज बारिश के साथ अचानक तेज गर्जना हुई और देखते ही देखते पूरा क्षेत्र पानी से भर गया। प्रशासन द्वारा रातों-रात कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मृतकों की संख्या में हो सकती है बढ़ोतरी-
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक 12 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। वहीं, 10 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त-
बिलासपुर और मंडी को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-21 पर भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। कई छोटे पुल बह गए हैं जिससे राहत सामग्री पहुंचाने में दिक्कत आ रही है।
मुख्यमंत्री का बयान-
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शोक प्रकट करते हुए कहा,
“यह हमारे राज्य के लिए एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा है। हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए पूरी मशीनरी को सक्रिय कर दिया गया है। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।”
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से आग्रह किया गया है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें।
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