
प्रधानमंत्री मोदी ने UER-II और Dwarka Expressway का उद्घाटन करते हुए दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक और कनेक्टिविटी सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने UER-II और Dwarka Expressway का उद्घाटन: दिल्ली-एनसीआर को मिली ₹11,000 करोड़ की सौगात
नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-एनसीआर में दो महत्वपूर्ण हाईवे परियोजनाओं — Urban Extension Road-II (UER-II) और Dwarka Expressway (दिल्ली सेक्शन) — का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग ₹11,000 करोड़ है और इनका उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार, कनेक्टिविटी बढ़ाना और पर्यावरण के अनुकूल उपायों को बढ़ावा देना है।
इन दोनों दिल्ली-एनसीआर हाईवे परियोजनाओं के निर्माण से राजधानी में यातायात के बोझ को कम करना, औद्योगिक और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को मजबूत करना और रोजमर्रा की जीवन गुणवत्ता में सुधार लाना संभव होगा।
उद्घाटन समारोह और उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा UER-II और Dwarka Expressway के उद्घाटन समारोह का आयोजन रोहिणी सेक्टर 37 में किया गया। समारोह में शामिल प्रमुख व्यक्तियों में:
- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता
- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
- केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी
- अन्य राज्य और केंद्रीय अधिकारी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस परियोजना को “दिल्ली के लिए ऐतिहासिक उपहार” बताया और कहा कि यह परियोजना राजधानी में ट्रैफिक-फ्री यात्रा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन के दौरान कहा, “ये सड़क परियोजनाएँ न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाएँगी, बल्कि दिल्ली को विकसित राजधानी की श्रेणी में और आगे ले जाएँगी।”
UER-II (Urban Extension Road-II) का विवरण
UER-II उद्घाटन दिल्ली-एनसीआर की ट्रैफिक व्यवस्था में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।
लंबाई और लागत
- कुल लंबाई: लगभग 75 किमी (दिल्ली में 54 किमी, हरियाणा में 21.5 किमी)
- अनुमानित लागत: ₹5,580–8,000 करोड़
रूट और कनेक्टिविटी
UER-II का रूट है: अलिपुर → रोहिणी → मुंडका → नजफगढ़ → द्वारका → महिपालपुर (NH-48)।
यह दिल्ली के कनेक्टिविटी नेटवर्क का तीसरा रिंग रोड साबित होगा, जो Inner और Outer Ring Roads पर ट्रैफिक दबाव को कम करेगा।
उद्देश्य और लाभ
- ट्रैफिक समय में कमी: सिंगहु बॉर्डर से IGI एयरपोर्ट तक यात्रा समय को लगभग 2 घंटे से घटाकर 40 मिनट तक लाना।
- औद्योगिक और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी: बहादुरगढ़ और सोनीपत के औद्योगिक क्षेत्र के लिए तेज और सुविधाजनक कनेक्टिविटी।
- पर्यावरण संरक्षण: निर्माण में डंप लैंडफिल और कचरे का पुन: उपयोग, जिससे पर्यावरण अनुकूल निर्माण संभव हुआ।
- यातायात प्रबंधन: दिल्ली और हरियाणा के बीच मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक जाम में कमी।
UER-II उद्घाटन से जुड़ी ये पहलें राजधानी में यातायात की सुविधा और औद्योगिक कनेक्टिविटी को नए स्तर तक ले जाएँगी।
Dwarka Expressway (Delhi Section) का विवरण
Dwarka Expressway दिल्ली सेक्शन दिल्ली के पश्चिमी हिस्से की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।
लंबाई और लागत
- कुल लंबाई: 10.1 किमी
- अनुमानित लागत: ₹5,360 करोड़
विशेषताएँ और कनेक्टिविटी
- मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी: Yashobhoomi कंवेंशन सेंटर, DMRC Blue/Orange Lines, Bijwasan रेलवे स्टेशन और द्वारका क्लस्टर बस डिपो से।
- यह खंड सीधे UER-II से जुड़ता है, जिससे यात्रा और अधिक सुविधाजनक होगी।
- Dwarka Expressway की शुरुआत से पश्चिमी दिल्ली और गुड़गांव के बीच यातायात समय में भारी कमी आने की संभावना है।

सरकार का दृष्टिकोण और अपेक्षित लाभ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये सड़क परियोजनाएँ दिल्ली ट्रैफिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार:
- हाईवे प्रोजेक्ट्स से दिल्ली में ट्रैफिक जाम लगभग 50% तक कम होगा।
- लॉजिस्टिक लागत में सुधार होगा, जिससे औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
- लाखों टन कचरे का उपयोग सड़क निर्माण में किया गया, जो पर्यावरण और संसाधन संरक्षण की दृष्टि से अहम कदम है।
इसके अलावा, ये परियोजनाएँ:
- रोजमर्रा के ट्रैफिक समय को घटाएंगी।
- दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों के बीच औद्योगिक और शहरी कनेक्टिविटी बढ़ाएँगी।
- नागरिकों के लिए यात्रा को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएँगी।
आर्थिक और सामाजिक महत्व
दिल्ली-एनसीआर में UER-II और Dwarka Expressway परियोजनाओं से केवल ट्रैफिक सुधार नहीं होगा, बल्कि इसका आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी लंबी अवधि में महत्वपूर्ण होगा।
- औद्योगिक लाभ: बहादुरगढ़ और सोनीपत जैसे औद्योगिक क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी बढ़कर उत्पादन और लॉजिस्टिक लागत में कमी।
- रोज़गार सृजन: निर्माण कार्य और लॉजिस्टिक सुधार से स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- पर्यावरणीय पहल: निर्माण में कचरे और डंप लैंडफिल का पुन: उपयोग, पर्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा।
- शहरी विकास: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में नई सड़क परियोजनाओं के कारण रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे का विकास।
भविष्य की संभावनाएँ
- दिल्ली-एनसीआर हाईवे परियोजनाएं आने वाले वर्षों में राजधानी की आर्थिक गति को बढ़ाएंगी।
- ट्रैफिक जाम में कमी और तेज कनेक्टिविटी से लॉजिस्टिक कंपनियों, छोटे व्यवसायों और नागरिकों को लाभ होगा।
- पर्यावरण अनुकूल निर्माण तकनीकों के प्रयोग से सस्टेनेबल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
UER-II और Dwarka Expressway दिल्ली सेक्शन की ये परियोजनाएँ:
- राजधानी की यातायात व्यवस्था को आधुनिक बनाएंगी।
- आर्थिक गतिशीलता और औद्योगिक कनेक्टिविटी को मजबूती देंगी।
- रोजमर्रा की जीवन गुणवत्ता और पर्यावरण सुरक्षा में सुधार करेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ये दिल्ली-एनसीआर हाईवे परियोजनाएं आने वाले दशकों में राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सस्टेनेबल और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का आधार बनेंगी।
FAQs
Q1: UER-II और Dwarka Expressway की कुल लागत कितनी है?
A1: दोनों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग ₹11,000 करोड़ है।
Q2: UER-II की लंबाई कितनी है?
A2: UER-II की लंबाई लगभग 75 किमी है (दिल्ली में 54 किमी और हरियाणा में 21.5 किमी)।
Q3: Dwarka Expressway की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
A3: यह मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करता है और सीधे UER-II से जुड़ता है।
Q4: इन परियोजनाओं का पर्यावरण पर क्या प्रभाव है?
A4: निर्माण में डंप लैंडफिल और कचरे का पुन: उपयोग किया गया, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
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