
थर्ड-पार्टी ऐप्स जैसे Google Pay, PhonePe के लिए लागू हुई NPCI की नई गाइडलाइन-
डिजिटल पेमेंट सिस्टम में तेजी से बढ़ती निर्भरता को ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 अगस्त 2025 से UPI सिस्टम में 5 बड़े बदलाव लागू कर दिए हैं। इन बदलावों का मकसद है ट्रांजैक्शन सुरक्षा बढ़ाना, बैंकों पर लोड कम करना और फ्रॉड से बचाव करना। अगर आप Paytm, PhonePe, Google Pay या BHIM जैसे किसी भी UPI ऐप का उपयोग करते हैं, तो इन नए नियमों को समझना बेहद ज़रूरी है।
अब बैलेंस चेक की लिमिट तय – रोज़ 50 बार से ज़्यादा नहीं-
NPCI के अनुसार, अब कोई भी UPI यूज़र दिन में अधिकतम 50 बार ही अपने अकाउंट का बैलेंस चेक कर सकता है। इससे ज़्यादा प्रयास होने पर सिस्टम रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर देगा। यह लिमिट हर ऐप के लिए अलग-अलग लागू होगी।
उदाहरण: अगर आपने PhonePe में 40 बार और Paytm में 10 बार चेक किया, तो लिमिट पूरी मानी जाएगी।
Pending Transaction Status सिर्फ 3 बार चेक कर सकेंगे-
अगर आपकी कोई पेमेंट फंसी हुई है (pending है), तो अब आप उसकी स्टेटस अधिकतम 3 बार ही चेक कर सकेंगे। साथ ही, हर स्टेटस चेक के बीच 90 सेकंड का गैप रखना अनिवार्य होगा। इससे बैंक सर्वर पर अनावश्यक लोड से बचा जा सकेगा।
Auto Debit Mandate पर टाइमिंग कंट्रोल-
अब से किसी भी ऑटो डेबिट (AutoPay) लेनदेन को सिस्टम सिर्फ तय समय (non-peak hours) में ही प्रोसेस करेगा।
- प्रमुख टाइम विंडो: सुबह 8–10 बजे, दोपहर 1–5 बजे और रात 9:30 बजे के बाद
- हर mandate को अधिकतम 4 बार प्रयास (1 main + 3 retry) की अनुमति होगी।
इससे बिजली बिल, OTT रिचार्ज, EMI जैसी automatic payments पर फर्क पड़ सकता है।
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बैंक अकाउंट लिंक देखने की सीमा – दिन में सिर्फ 25 बार-
UPI यूज़र अब अपने ऐप्स में दिन में सिर्फ 25 बार ही अकाउंट लिस्ट देख सकेंगे। जब भी आप किसी नए बैंक को लिंक करने का प्रयास करेंगे या लिस्ट चेक करेंगे, तो वो गिनती में जुड़ जाएगा।
रिसीवर की जानकारी हर बार अनिवार्य-
- अब हर पेमेंट करते समय, UPI ऐप में आपको Receiver का नाम, ID और ट्रांजैक्शन कोड दिखाना अनिवार्य होगा। इससे गलत व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर होने की आशंका कम होगी और धोखाधड़ी पर रोक लगेगी।
इन बदलावों से आम यूज़र्स पर क्या असर होगा?
- ग्रामीण इलाकों में जहां ग्राहक बार-बार बैलेंस पूछते हैं, उन्हें नई लिमिट के बारे में जानकारी देनी होगी।
- छोटे दुकानदार, जो दिन में कई बार लेन-देन करते हैं, उन्हें अब सतर्क रहना होगा।
- EMI और रिचार्ज जैसी AutoPay सेवाएं देर से प्रोसेस हो सकती हैं अगर retry limit पूरी हो गई हो।
- Pending ट्रांजैक्शन बार-बार चेक करने से अब ट्रांजैक्शन fail हो सकता है।
NPCI का उद्देश्य-
NPCI का कहना है कि इन नियमों से:
- बैंकों और सिस्टम पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा,
- सिस्टम डिले और फेल ट्रांजैक्शन में कमी आएगी,
- और यूज़र्स को ज़्यादा सुरक्षा मिलेगी।
निष्कर्ष-
UPI New Rules 2025 से जहां ट्रांजैक्शन प्रक्रिया और अधिक व्यवस्थित होगी, वहीं आम यूज़र्स को कुछ सावधानियां भी बरतनी होंगी। यदि आप Paytm, PhonePe या Google Pay का इस्तेमाल करते हैं, तो इन नियमों को समझना और अपनाना अब ज़रूरी है।