"बेंगलुरु में रोल्स-रॉयस का सबसे बड़ा टेक और इनोवेशन हब लॉन्च – भारत को मिला वैश्विक पहचान"
बेंगलुरु में Rolls-Royce का सबसे बड़ा टेक हब, सिविल से डिफेंस तक होगा रिसर्च-
ब्रिटिश इंजीनियरिंग दिग्गज रोल्स-रॉयस ने भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत कर दिया है। कंपनी ने बेंगलुरु में अपने ग्लोबल टेक्नोलॉजी और इनोवेशन हब का विस्तार किया है। यह सुविधा अब पूरी दुनिया में रोल्स-रॉयस का सबसे बड़ा केंद्र बन गई है।
इस कदम के साथ भारत न केवल एक उपभोक्ता बाज़ार बल्कि वैश्विक इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन गया है।
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किन सेक्टर्स पर होगा काम?
बेंगलुरु का यह इनोवेशन हब रोल्स-रॉयस के कई अहम बिजनेस सेगमेंट्स को कवर करेगा, जिनमें शामिल हैं:
- सिविल एविएशन – हवाई जहाज़ों के लिए एडवांस इंजन और टेक्नोलॉजी
- डिफेंस – मिलिट्री एयरक्राफ्ट और नेवी प्रोजेक्ट्स के लिए इनोवेशन
- पावर सिस्टम्स – ऊर्जा और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए आधुनिक समाधान
- डिजिटल इंजीनियरिंग – डेटा, एआई और डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग
क्यों अहम है यह फैसला?
- भारत लंबे समय से आईटी और इंजीनियरिंग का ग्लोबल हब माना जाता रहा है।
- रोल्स-रॉयस जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा यहां अपनी सबसे बड़ी सुविधा बनाना इस बात का प्रमाण है कि भारत इनोवेशन और रिसर्च के लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है।
- इस फैसले से रोजगार और नए अवसरों का मार्ग भी खुलेगा।
अधिकारियों का बयान-
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भारत में विस्तार से उन्हें बेहतरीन टैलेंट और तेज़ इनोवेशन (innovation) क्षमता का लाभ मिलेगा। साथ ही, यह कदम उनके वैश्विक ग्राहकों के लिए और बेहतर समाधान देने में मदद करेगा।
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भारत के लिए बड़ा संकेत-
यह विस्तार इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले वर्षों में भारत सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी इनोवेशन का ग्लोबल पावरहाउस बनेगा। बेंगलुरु को पहले से ही “भारत की सिलिकॉन वैली” कहा जाता है और अब रोल्स-रॉयस के इस बड़े फैसले ने उसकी पहचान और मज़बूत कर दी है।