देहरादून सहस्त्रधारा क्लाउडबर्स्ट के बाद SDRF-NDRF टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई
Dehradun Cloudburst News: सहस्त्रधारा में भारी तबाही, नंदा की चौकी पुल ढहा, रेस्क्यू तेज-
देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में सोमवार को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचा दी। अचानक हुई इस आपदा ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। तेज़ बारिश और बादल फटने से नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे कई जगह बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
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सहस्त्रधारा में मचा हाहाकार-
स्थानीय लोगों के मुताबिक, बादल फटने के बाद सहस्त्रधारा की घाटियों में पानी का सैलाब अचानक उमड़ा। इससे दुकानों, मकानों और रास्तों में पानी घुस गया। कई वाहन बह गए और सड़कों पर भारी मलबा जमा हो गया। आसपास के इलाकों में अफरातफरी का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
नंदा की चौकी पुल ढहा, संपर्क टूटा-
भारी बारिश और तेज़ बहाव के चलते नंदा की चौकी पुल बह गया है। इस पुल के टूटने से कई गांवों का संपर्क कट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुल बह जाने के कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है और लोगों को आवाजाही में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
टपकेश्वर मंदिर और IT पार्क प्रभावित-
देहरादून का प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर भी इस बाढ़ की चपेट में आ गया। मंदिर परिसर में पानी घुस गया और श्रद्धालुओं को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके अलावा IT पार्क क्षेत्र और कई रिहायशी कॉलोनियों में जलभराव हो गया है।
मजदूर बह गए, कई लापता-
टोंस नदी में खनन कार्य कर रहे मजदूर भी इस आपदा की चपेट में आ गए। जानकारी के अनुसार, 10 मजदूर अचानक आए पानी के तेज बहाव में बह गए, जिनमें से 8 के शव बरामद कर लिए गए हैं। दो मजदूरों की तलाश अभी जारी है। SDRF और NDRF की टीमें मौके पर मौजूद हैं और लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
स्कूल बंद और रेड अलर्ट-
देहरादून प्रशासन ने जिले के सभी स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का आदेश दिया है। मौसम विभाग ने भी अगले 24 घंटों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की संभावना को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
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प्रशासन की अपील-
मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन ने हालात पर कड़ी नज़र बनाए रखने की बात कही है। राहत शिविर लगाए गए हैं और प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय स्थल पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
निष्कर्ष-
Dehradun Cloudburst ने एक बार फिर उत्तराखंड को प्राकृतिक आपदा के सामने लाकर खड़ा कर दिया है। सहस्त्रधारा से लेकर नंदा की चौकी तक तबाही के निशान साफ देखे जा सकते हैं। SDRF-NDRF की टीम लगातार बचाव कार्य कर रही है, लेकिन अभी भी कई लोग लापता हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस आपदा से उबरने की कोशिश में जुटे हैं।