CBSE का नया Health Directive: स्कूलों में अब Oil Board के साथ Health Activity Board, Fitness Posters और Daily Physical Movement अनिवार्य-
CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने एक बार फिर देशभर के स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए नया निर्देश जारी किया है। अब न सिर्फ़ ‘Oil Board’ की अनिवार्यता है, बल्कि हर स्कूल को Health Activity Board, सीढ़ियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाले पोस्टर, और फिटनेस रिमाइंडर भी लगाने होंगे। CBSE का ये कदम मोटापा, लाइफस्टाइल बीमारियों और कम फिजिकल एक्टिविटी से जूझ रहे छात्रों के लिए अहम साबित हो सकता है।
CBSE 2025 New Rule: स्कूलों में अब ‘Oil Board’ अनिवार्य, जानिए इसका मकसद और असर
‘Oil Board’ के बाद अब हेल्थ बोर्ड क्यों?
CBSE ने अप्रैल 2025 में एक निर्देश जारी किया था जिसमें स्कूलों के कैंटीन या मुख्य दीवारों पर ‘Oil Board’ लगाने को अनिवार्य किया गया था। इसका उद्देश्य था – बच्चों को संतुलित आहार और तेल सेवन के प्रति जागरूक करना।
अब जुलाई 2025 में जारी अपडेटेड सर्कुलर (CBSE Circular No. Acad-57/2025) में कहा गया है कि:
- हर स्कूल को अब Health Activity Board भी लगाना होगा।
- इन बोर्ड्स पर बच्चों को रोज़ाना की फिजिकल एक्टिविटी, योग और सैर की महत्ता के स्लोगन और निर्देश दिए जाएं।
- इन बोर्ड्स को स्कूल के मेन एंट्रेंस, प्रार्थना स्थल, लाइब्रेरी और कैंटीन के पास लगाया जाए।
सीढ़ियां बनेंगी हेल्थ का रास्ता-
नए निर्देश में CBSE ने खासतौर पर कहा है कि:
“School management shall encourage the use of stairs over lifts by placing posters like – ‘Take Stairs, Stay Fit’ near elevators.”
इसका उद्देश्य है छात्रों और स्टाफ को हर रोज़ कम से कम 5 मिनट की फिजिकल मूवमेंट के लिए प्रेरित करना। CBSE ने इसे “Natural Physical Encouragement” बताया है।
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क्या-क्या करना होगा स्कूलों को?
CBSE ने सभी संबद्ध स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे आगामी 31 अगस्त 2025 तक निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
- Oil Board को मुख्य कैंटीन या डाइनिंग एरिया में लगाना।
- Health Activity Board को स्कूल की प्रमुख जगहों पर लगाना।
- सभी लिफ्ट्स के पास “Take the stairs” जैसे स्लोगन लगाना।
- असेंबली में हफ्ते में कम से कम 1 दिन “Fitness Talk” शामिल करना।
- छात्रों से हेल्थ लॉग बुक भरवाना (क्लास 6 से ऊपर के लिए अनिवार्य)।
स्कूलों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया-
देशभर के स्कूलों में इस पहल को मिश्रित प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ स्कूलों ने इसे बच्चों के लिए “Behavioral Nudge” करार दिया है — जो लंबे समय में उन्हें बेहतर जीवनशैली के लिए तैयार करेगा।
दिल्ली के एक CBSE स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा:
“Oil Board ने जहां खानपान में बदलाव लाया, वहीं Health Boards बच्चों की एक्टिविटी को बेहतर बनाएंगे।”
वहीं, कुछ अभिभावक इसे “Extra Burden” भी मान रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय भी हुआ शामिल-
इस अभियान को अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का भी समर्थन मिल रहा है। मंत्रालय के अनुसार, 5 से 17 वर्ष के बच्चों में मोटापे की दर भारत में लगातार बढ़ रही है, जिसे स्कूल स्तर से ही नियंत्रित किया जा सकता है।
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डिजिटल साक्ष्य भी देने होंगे-
CBSE ने स्कूलों को ये भी कहा है कि इन बोर्ड्स और उपायों की तस्वीरें, वीडियो और डॉक्यूमेंटेशन सालाना निरीक्षण के दौरान दिखाए जाएं। यह भी कहा गया है कि स्कूल वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भी इन प्रयासों को दिखाया जाए।
निष्कर्ष: क्या यह पहल असरदार होगी?
CBSE की यह नई पहल शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम है। बच्चों को सिर्फ पढ़ाना ही नहीं, बल्कि उन्हें एक स्वस्थ नागरिक बनाना भी जरूरी है। अगर स्कूल इसे गंभीरता से अपनाएं तो ये कदम बच्चों की आदतों में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।